अर्थ : वर्षा और वसंत ऋतु में सुरीली ध्वनि में बोलने वाला एक पक्षी।
उदाहरण :
चातक स्वाति नक्षत्र की एक बूँद के लिए तरसते हैं।
पर्यायवाची : कपिंजल, कपिञ्जल, कुक्कू, घनतोल, चातक, डाहुक, तेजल, तोतक, त्रिशंकु, त्रिशङ्कु, दात्यूह, दिवौका, नभनीरप, नभोंबु, नभोम्बु, पपीहा, पपैया, पिंगल, पिकांग, पिकाङ्ग, पिङ्गल, बहुक, मुगूह, मेघजीवक, मेघजीवन, वर्षप्रिय, वर्षाप्रिय, वारिद्र, वृष्टिजीवन, हुडुक
अर्थ : पृथ्वी पर के जल से निकली हुई वह भाप जो घनी होकर आकाश में फैल जाती है और जिससे पानी बरसता है।
उदाहरण :
आकाश में काले-काले बादल छाये हुए हैं।
पर्यायवाची : अंबर, अंबुद, अंबुधर, अंभोधर, अब्द, अब्र, अभ्र, अम्बर, अम्बुद, अम्बुधर, अम्भोधर, अर्णोद, अर्बुद, अश्म, इंद्र, इन्द्र, उदधि, घन, चातकनंदन, चातकनन्दन, जलद, जलधर, जलमसि, जलवाह, तड़ित्पति, तड़ित्वत, तड़ित्वान्, तड़िद्गर्भ, तोक्म, तोयद, तोयधर, तोयधार, तोयमुच, दात्यूह, धाराधर, धारावर, धूमयोनि, ध्वसनि, नदनु, नभधुज, नभध्वज, नभश्चर, नभोगज, नभोदुह, नभोद्वीप, नभोधूम, नभोध्वज, नाग, नीरद, नीलभ, पयोजन्मा, पयोद, पयोधर, पाथोद, पाथोदर, पाथोधर, बादल, भव, मतंग, मतंगज, महानाद, मेघ, मेघा, मेचक, मेह, रजलवाह, रैवत, वर्षकर, वर्षाबीज, वर्षुकांबुज, वर्षुकानंद, वर्षुकानन्द, वर्षुकाम्बुज, वलाहक, वातध्वज, वातरथ, वारिद, वारिधर, विहंग, वृष्णि, शक्रवाहन, शारद, श्वेतनील, श्वेतमाल, सत्रि, सुदाम, सुदामन, सुदामा, सेंचक, सेचक